|| हरि ૐ तत्सत ||
विविध योग शिविर विषयक माहिती
पूज्य गुरुजी ने “कुंडलिनी” को जागृत कर आत्म-साक्षात्कार और परमात्मा साक्षात्कार प्राप्त कर और जीवनमुक्त होने के पथको तेरह योग शिविरों में विभाजित किया है. ये तेरह शिविर भारत एवं विदेशोंमें नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं। अधिक जानकारी के लिए यहाँ देखें।
पूज्य गुरुजी द्वारा रचित तेरह शिविरों की विस्तृत सूची
क्रम | शिविरका नाम | दिन | शिविर विषयक माहिती |
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1 | कुंडलिनी शक्तिपात ध्यानयोग शिबिर - प्रथम | 3 | सभी कर्मों के विवरण, साक्षी भाव, स्वस्थ और अस्वस्थ मन का विवरण। अहंकार और भयसे जागृति |
2 | कुंडलिनी शक्तिपात ध्यानयोग शिबिर - द्वीतीय | 3 | षड रिपुओमें काम, क्रोध और अहंकारमे प्रतिक्रिया और जागरूकता |
3 | मेरिडियन लाइन | 4 | प्राणशरीर विकसित करनेका चीनी तरीका। विचारों, भावनाओं और सहानुभूति को समझना |
4 | क्रियायोग | 4 | प्राण शरीर और सूक्ष्म शरीर शुद्धिकरणकी मुलभुत विधि |
5 | चक्र शुद्धिकरण | 4 | शरीर के सात चक्र शुद्ध करने की प्रक्रिया, सात चक्रों की सिध्धि - शक्तिको समझना |
6 | सोहम | 4 | सोहम प्राणायाम सिद्धांत - विधि और वास्तविक प्रयोग |
7 | आसन और प्राणायाम | 4 | आसान और प्राणायाम के सिद्धांत और प्रयोग, अनुलोम-विलोम प्राणायाम की प्रणाली, भस्त्रिका प्राणायाम का अध्ययन |
8 | प्राण चिकित्सा | 4 | प्राण शक्ति का उपयोग करके रोग को दूर करने का व्यावहारिक और सैद्धांतिक तरीका भूमिगत जल और वातावरण में स्थित सूक्ष्म जीवों की उपस्थिति को पहचानना |
9 | कमरका दर्द | 4 | कमर और गलेके दर्दके कारण और उसे मिटानेके तरीके, रीढ़ की हड्डी पर विस्तृत जानकारी |
10 | मंत्र योग | 4 | ओंकार उच्चारण के प्रकार, सिद्धांत और प्रायोगिक |
11 | मौन | 10 | मौन - सिद्धांत और प्रायोगिक |
12 | प्राण-अपान | 30 | प्राण-अपान एक करना, व्यावहारिक समझ एवं एकीकरण - पहला भाग |
13 | प्राण-अपान | छह मास | प्राण-अपान के एकीकरण का विस्तृत अध्ययन |
क्रम | शिविरका नाम | दिन | शिविर विषयक माहिती |