|| हरि ૐ तत्सत ||
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सिद्धयोग साधन मंडल में आपका स्वागत है.
आधुनिक दुनिया ने भौतिक तंत्रज्ञान (प्रौद्योगिकीकरण) द्वारा अद्भुत उपयोग से दुनिया में कई अजूबे बनाए हैं। आप इस वेबसाइट को अपने लैपटॉप, डेस्कटॉप या मोबाइल डिवाइस पर देख सकते हैं। यह मानवता के लिए एक उपहार ही है …!
उसी समय, उसी प्रौद्योगिकीकरणने आधुनिक दुनिया में मानसिक तनाव, अधिक उत्साही प्रतियोगिता और कई अन्य व्यक्तिगत और सामाजिक दूषणोको भी जन्म दिया है यह ना भूल जाना चाहिए. हम उन दूषणोको के बारे में यहाँ अधिक बात नहीं करेंगे. इस अत्यधिक प्रतिस्पर्धी रवैये के कारण मानवता लगातार तनाव में ही जीवन जी रही है यह हम सहज देख सकते हैं. बुनियादी मानवीय मूल्यों और भावपूर्ण वर्तन की इस आधुनिक दुनिया में कोई जगह नहीं है जो की अत्यधिक प्रतिस्पर्धी और पूंजीवादी बन गया है. यह आसानी से महसूस किया जाता है कि भौतिक चीजों को इकट्ठा करनेमें रत मानव अपने आपसे ही खो चुका है और अनजाने में इस दुख की स्थिति को स्वयं सहज ही अपनाते रहते हैं.
आधुनिक युग की इस प्रौद्योगिकीकरणके प्रभाव के कारण, रोजगार और व्यवसाय में अत्यधिक गतिशील वातावरणको लेकर अधिक से अधिक मनुष्य अस्वस्थता और मानसिक तनावपूर्णता की स्थायी स्थिति में रहते हैं.
ऐसे समय में ताजगी और स्वस्थता प्राप्त करेने हेतु अधिकांश लोग गलत स्थानों पर अत्यधिक पैसा खर्च करते हैं, अनावश्यक खरीदारी करते हैं, बेकार फिल्में देखते हैं, या देश विदेशकी यात्रा तक कर आते है. आधुनिक समय में, आधुनिक मनुष्यों की स्वस्थता पानेके कई तरीके स्वयं एक तनावपूर्ण स्थिति पैदा करते हैं जो की स्वयं एक मौलिक समस्या है.
यह स्वाभाविक है कि मनुष्य उपरोक्त वर्णित विभिन्न तरीकों से खुशी पाने की व्यर्थ कोशिश तो करता है, लेकिन उनमें से अधिकांश तरीके उन्हें शाश्वत सुख, शांति और आनंद नहीं दे सकते. जैसा मानव इन अलग-अलग तरीकों से खुशी पाने की कोशिश करके कुछ राहत महसूस करता है, छुट्टियां तुरंत समाप्त हो जाती हैं और वह फिर से एक तनावपूर्ण जीवन शैली में वापस लौट आता है …!
क्या यह संभव है कि आधुनिक मानव इस दु:खद स्थिति से बहार आनेके लिए कोई वैज्ञानिक, प्राकृतिक और किफायती रास्तेसे आनंदकी उपलब्धि पा सके?
एक अर्थ में, हम कह सकते हैं कि ध्यान हमें ऐसा करने में मदद कर सकता है. ध्यान के माध्यम से, मनुष्य जहां है वहां रहकरही आसानी से तनाव मुक्त स्थिति प्राप्त कर सकता है. ध्यान योग के माध्यम द्वारा हम जो सहज आनंदकी परिस्थित प्राप्त करते है वह स्वाभाविक रूप से हमारे साथ लंबे समय तक बनी रहती है. ध्यान मानसिक संतुलन, शारीरिक आराम, प्राकृतिक और होशपूर्ण जीवन जीनेमें मनुष्य की सहज मदद करता है.
वास्तव में ध्यान क्या है? एक तरह से यह कहा जा सकता है कि यह एक शुद्ध चेतनामय स्थिति है जो विचार से परे है. एक अर्थ में, हम कह सकते हैं कि ध्यान समग्रता की स्थिति है जिसमें हम जीवन की सभी गतिविधियों को एक सजगता के साथ आसानी से कर सकते हैं. ध्यान की इस स्थिति को योग के वैज्ञानिक अध्ययन और तदनुसार जीवन जीने के दृष्टिकोण से प्राप्त किया जा सकता है.